Friday, 07th April 2023
आज माँ सुबह के वक्त (मेरे ऑफिस जाने के बाद) शिवांगी को दर्द होने के कारण शर्द्धा हॉस्पिटल ले कर गई। डॉक्टर सोनाली ने होने वाली माँ को समझाया कि आप ज्यादा से ज्यादा टहले और बैठ के पोंछा लगाए। मैं शाम को दफ्तर से आया तो आते ही शिवांगी से तबियत पूछी, वो दर्द में थी। फ्रेश हो के हम दोनो छत पर गए टहलने के लिए। शिवांगी ने बताया आज क्या हुआ। डॉक्टर की सलाह मानते हुए वो जोर जोर से टहलने लगी, जब दर्द उठता तो रुक जाती। हम साथ साथ होने वाली नानी और मासी से भी फोन पर बात कर रहे थे। खूब मजाक मस्ती कर रहे थे। फिर हम 8 बजे तक नीचे आ गए। शिवांगी टॉयलेट गई तो उसने मम्मीजी को बुलाया की खून आया है। डॉक्टर ने सुबह ही कहा था कि ऐसा कुछ हो तो आप aa जाना। मैंने फोन कर हॉस्पिटल से बात करी कि हम शिवांगी को ले कर आ रहे है क्यूंकि हमे लग रहा था कि समय आ गया है। मम्मीजी ने खाना बना दिया था। तो मैं और पापा खाने बैठ गए। मम्मीजी ने बोला मैं शिवांगी को ले कर जाती हूं कुछ होगा तो फोन करूंगी। खाने के बीच में ही मां का फोन आ गया कि जल्दी आजा। मैं भी तुरंत वहां पहुंच गया। मम्मी जी लेबर रूम के गेट पर खड़ी हो कर ॐ नमः शिवाय का जाप कर रही थी, मुझे भी जाप करने के लिए कहा और टाइम देखते रहने को कहा। मैंने अपने फोन पर वीडियो बनाए भगवान का नाम जपते हुए। फिर अचानक से बेबी के रोने की आवाज सुनाई दी। हम भगवान का नाम जपते रहे। माँ ने मुझे बधाई दी। मैंने फोन कर पिताजी को खुश खबरी दी। सब खुश हुए।
बेबी को मैंने पहली बार देखा जब नर्स उसे ले कर आई और बच्चो के डॉक्टर के सामने हम मिले। मेरी बहस भी हो गई डॉक्टर से कि आप अपना भाषण बंद करो मुझे मेरी प्यारी गुड़िया को देखने तो दो। मैंने मन भर कर गुड़िया को देखा फिर डॉक्टर से माफ़ी मांगी मेरे कहे पर। डॉक्टर ने सबसे पहले congratulate किया। फिर बताया कि कैसे बेबी का ख्याल रखना है। हर दो घंटे में दूध देना है। माँ का दूध नहीं आ रहा है अभी तो पाउडर दूध देने को कहां। हमने सभी दवाइया ले ली और हॉस्पिटल के AC डिलक्स रूम में शिफ्ट होने की प्रक्रिया शुरू कर दी। थोड़ी देर बाद शिवांगी भी लेबर रूम से बाहर आ गई। नर्स उसे व्हील चेयर पर रूम में ले जा रही थी, चलते में हम दोनों ने एक दूसरे को बधाइयां दी।
मैं रूम में गया वहां शिवांगी ने बताया की बेबी तीसरी कोशिश में हो गई। नर्स ने बोला की आप कुछ मत बोलना सब अच्छा होगा। बेबी ने बिल्कुल तकलीफ नहीं दी मम्मी को। नर्स को हम बुला कर लाए ताकि वो बेबी को feed करे। पिंकी नर्स से पहली बार पाउडर मिल्क पिया बेबी ने। फिर रात में 12:30 बजे करीब मैंने बेबी को थोड़ा सा मिल्क पाउडर feed करवाया। करीब 10.30 बजे मम्मीजी ने घर जा कर बैग और बर्तन और खाना लाई क्यूंकि दोनो ने ही खाना नहीं खाया था। साथ में पापा भी मिलने आए हॉस्पिटल। पिताजी बोले कि वह सुबह से मइया के भजन ही बजा रहे थे टीवी पर। कुछ दिन पहले कैला देवी के मंदिर, साबरमती में भी जा कर आए थे मम्मी पापा। वहां भी उन्हें कैला देवी नजर आई थी। घर में लक्ष्मी का आगमन हुआ है।
मैं वही हॉस्पिटल में ही रुका और शिवांगी और बेबी का पूरी रात ध्यान रखा। 2.30 बजे और फिर 3.30 बजे बेबी को पाउडर मिल्क पिलाने की कोशिश करी लेकिन नहीं पिया। बेबी अपनी माँ के साथ पूरी रात सोती रही बिना रोए। मैं भी बगल के बेड पर ही सोया। शिवांगी को रात में समय समय पर पानी और टॉयलेट करवाई।
Saturday, 08th April 2023
सुबह मैं जल्दी उठ कर घर आ गया फ्रेश होने। मम्मीजी ने दूध दलिया गरमा गरम रेडी कर दिया था। वह ले कर मां स्वयं हॉस्पिटल आ गई। फिर मैं भी नाश्ता कर के गरम पानी की बॉटल भर कर हॉस्पिटल आ गया। शिवांगी फ्रेश हो गई और नाश्ता किया। बेबी सो ही रही थी।
बच्चो के डॉक्टर आ गए और उन्होंने पूछा कैसा रहा रात को, हमने बताया बेबी ने कुछ नहीं खाया रात को वो सोती ही रही। डॉक्टर बोले आपको जगाना है और फिर पिलाना है। हमने तो ट्राय किया लेकिन बेबी ने नही पिया 🍼। नर्स आई और बोली डॉक्टर बुला रहे है बेबी को ले कर आओ वैक्सीन लगानी है और चली गई। मैं पीछे से गया की बेबी को ले कर जाओ, काम क्या है नर्सिंग स्टाफ का। दूध तुमने पिलाया नही रात को, सब हमको ही करना है तो यहां रुके क्यूं। फिर नर्स आई रूम में मेरे साथ और बेबी को ले कर हम लेबर रूम में गए जहां बेबी को 2 इंजेक्शन और पोलियो ड्रॉप पिलाई डॉक्टर ने। डॉक्टर की फीस लेने मैं घर गया। पिताजी से रूपिये लिए। डॉक्टर गाड़ी में ही इंतजार कर रहा था उन्हें वहा पैसे दिए।
हम शाम तक वही हॉस्पिटल में ही रहे जब तक शिवांगी को ब्रेस्ट फीडिंग शुरू नही हो गया। मम्मीजी ने आ कर नर्स से बोल बोल कर करवाया। एक्स्ट्रा कपड़े भी ले लिए और बिल में भी डिस्काउंट करवा दिया।
शाम को हम तीनो बेबी को घर लाए। रास्ते में सबने जलेबी मांगी और बधाइयां दी। शिवांगी और बेबी की तबियत पूछी। पिताजी ने घर में प्रवेश पर वेलकम किया। चार अच्छी बाते बोली।
०९/०४/२०२३ से १६/०४/२०२३
मम्मीजी अकेले घर का सब काम कर रही है। खाना, झाड़ू, बर्तन, कपड़े। शिवांगी को 45 दिन का बेड रेस्ट दिया है मम्मीजी ने यह बोल के कि जो गलती मैंने करी वो दूसरो को नही भुगतने दूंगी। उन्होंने अपने टाइम पर 25वे दिन से काम करना शुरू कर दिया था। शिवांगी रूम में ही रहती है बेबी के साथ। गद्दा डाल के कपड़े के बुने खटिए पर सोती है। बेबी को बेड पर सुला देते है। हम रूम में जा कर बेबी के साथ खेलते है और ध्यान रखते है। मम्मीजी जरूरत से ज्यादा ख्याल रख रही है अपनी सुनबई का। आज बेबी को रूम से बाहर लाए खेलने के लिए तो बेबी ने पिताजी पर सूसू कर दी और मम्मीजी पर पोटी। मैं भी इतने दिनों से घर पर ही था। आयुष चाचा को पिक्स भेजी और बाते करी। पिताजी ने आज मक्खनपुर के लिए ट्रेन पकड़ी।
१८/०४/२०२३
मम्मीजी ने कपड़े, बेड शीट, पिलो और सोफ़ा कवर साफ किए पूरे घर के। आज मैं फ्रूट्स का नाश्ता कर के ऑफिस गया। सब ने बधाइयां दी। जलेबी और इडली वड़ा का नाश्ता करवाया। शिवांगी का फोन आया दोपहर को बेबी के बारे में पूछा। शाम को बेबी से मिला। जाग रही थी तो थोड़ा खेला। शिवांगी को रात में ठंड लगी तो उसे मोटा चादर उड़ाया।
२०/०४/२०२३
छोटा बेबी की नाल सुबह अपने आप निकल गई।
२१/०४/२०२३
आज ऑफिस की मार्च क्लोजिंग की पार्टी थी बंधन रेस्टोरेंट में तो मैं सविता मैडम के साथ जाने वाला था उनकी गाड़ी में ऑफिस। सुबह सरप्राइज़ देते हुए मैं और मैडम घर आ गए। मैडम ने बेबी को गिफ्ट दिया। गिफ्ट में बेबी के लिए कपड़े थे।